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नमो गुरुभ्यः।
सुलभ ग्रन्थमालाका द्विनीय पुष्प ।
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स्व० श्रीमती चिरौंजी- है है बाईके म्मरणार्थ ।
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कांधलानिवासी स्वर्गीय यति श्रीनयन
सुखदासजी रचित मुनिवंश दीपिका
कविवर वृन्दावनजीकृत गुरुस्तुति गुर्वष्टक
आदि सहित ।
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जिसे वम्बईस्थ श्रीजैनग्रन्धरत्नाकरकार्यालयने निर्णयसागरप्रेस बम्बईमें छपाकर प्रकाशित की।
श्रीवार नि० संवत् २४३७-दिगम्बर १९१०. प्रथमावृत्ति] [न्यो• आधा आना।
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