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रहो और दुर्जनों से बचो । यदि तुम्हारा साथी वा तुम्हारी श्रेणीका लड़का कोई बुरा काम करे तो तुम झट उस कामको बुरा कहो और अपने साथीको सुधारनेका यत्न करो। तुम्हें चाहिये कि पाठशालाका शासन रखने, दुर्जनोंका पता लगाने और उन्हें उचित दण्ड दिलाने में अपने शिक्षकों के सहायक बनो । ऐसा करने से तुम अपने साथियों का भला कर रहे हो, क्योंकि तुम इस प्रकार सरलता के पक्षपाती होकर भलाईका बीज बो रहे हो और बुराईको जड़ से उखाड़ रहे हो ।
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५. सबसे पिछली बात यह है कि तुम अपने शीलमें निष्कपट, सरल और सत्यवादी बनो । निष्कपटता वा ऋजुता सर्वोत्तम गुण है । कई एक निकम्मे और दुष्ट छात्र परीक्षामें सफल होनेके लिए अनुचित उपाय करते हैं, पाठशालासे छुट्टी लेनेके लिए अपने पिता वा रक्षक के झूठे हस्तलेख बना लेते हैं वा सच्चा हेतु छोड़कर झूठा हेतु घड़ लेते हैं, इस भयसे कि सच्ची वार्ता लिखने से उन्हें छुट्टी नहीं मिलेगी । तुम्हें कदापि ऐसा नहीं करना चाहिये और आशा है कि तुम अपना मनोरथ सिद्ध करनेके लिए अनुचित उपाय काममें लाना बहुत ही बुरा समझोगे और अपने सारे बर्ताव में सचाई और साधुतासे काम लोगे ।
सबसे उत्तम बात यह है कि तुम ईश्वर परमात्माको पहचानो, उससे प्यार करो और उसीकी आज्ञाका पालन करो यहां तक कि तुम्हारे शीलमें परमात्माकेसे गुण आजाएं ।