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अथात् पंडिताई । १६ प्रश्न-(विवेकिता का ) विचारशीलता क्या है। उत्तर-( व्रताचरणं ) व्रतोंका आचरण करना, पालन करना ॥६॥
मनसापि किं न चिन्त्यं
परदाराः परधनं परापकृतिः। कीदृग्वचो न वाच्यं
परुषं पीडाकरं कटुकम् ॥ ७ ॥ १७ प्रश्न- मनसापि किं न चिन्त्यम् । मनमे भी किमका चिन्नवन नहीं करना चाहिये । उत्तर । परदागः परधन पराप कति । दूसरी स्त्रीका, दृस के धनका और दुसरेक अपकारका । १८ प्रश्न ( कीदृग्वचो न वाच्यम् , केमा वचन नहीं बोलना चाहिय । उत्तर परुपं पीडाकरं कदम जो कठोर पाहा करनेवाला और कडुवा हो ।। ७ ।।
किं हातव्यं मत
पेशन्यं व्यनिता च मात्मय॑म् । किमकरणीयं यत्पर
लोकविरुद्धं मनोनिष्टम् ॥ ८॥
प्रश्न- । किं हातव्यं मननम् . मटा त्याग करने योग्य क्या है । उत्तर - ( पैशुन्यं व्यसनिना च मात्मयम , चुगली करना. मप्तव्यसन और दूसरी बढी न महना । २० प्रश्न किमकर णीयम , न करने योग्य क्या है । उत्तर ( यत्सरलोकविरुद्ध मनोनिष्टम् । जो परलोकमे विरुद्ध और मनको अनिष्ट हो ॥ ८ ॥