________________
6
लीजिये-जैनप्रन्धरत्नाकरमें छपेहुये रन. पहिला रन-'ब्रह्मविलास' है. मूल्य 1) डॉ. खर्च कि यह प्रन्य भैया भगवतीदासजीकृत प्राचीन हिंदी कविताका है. इसमें ll छोटेमोटे ६७ अन्य (विषय) है. इसका दूसरा नाम भगवतीवि-18
लास भी हैं. सुंदर टाईपसे छपा ३०६ पृष्ठका अन्य है. Sai दूसरा रन-दौलतविलासप्रथमभाग है. मूल्य || डा)
इसमें कविवर पं० दौलतरामजीकृत उत्तमोत्तम स्तुति उपदेशी व 10 आध्यात्मिक पद, छहढाला और जकडियोंका संग्रह है. इसके दर्शन दुर्लभ थे हमने बडे परिश्रमसे संग्रह करके शुद्धतापूर्वक छपाये हैं. तीसरा रन-'स्वामिकार्तिकेशानुप्रेक्षा' है मूल्य १॥
यह अतिशय प्राचीन वैराग्योत्पादक प्रन्थ है. जैनधर्मके सब वि- अषय इसमें हैं. ऊपर गाथा उसके नीचे मस्कृत छाया और उसके | SA नीचें पडित जयचन्द्रजीकृत मनोहर भाषादीका और भावार्ष है. बडे बडे दोसी पृष्टका जिल्द बधा प्रन्थ है डाकखर्च ।। लगंगा.
शंथा रन-'आमपरीक्षा' मूल है. मूल्य ) डा. म. ॥ पांचवां रम-'आप्तमीमांसा' मूल है. मूल्य ४) डॉ० ॥
छहा रग-रनकरण्डश्रावकाचार' है. मूल्य ।) डॉ ju Ka सातवां रन-बनारसीविलास है. मृत्य १॥) डाक मर्च )
यह रन कविवर बनारसीदासजीके जीवनचरित्रमाहत छप रहा है.
आठवां रन-द्वादशानुप्रेक्षा भाषाटीकामहिन है. यह ॐ श्रीशुभचन्द्राचार्यविरचिन ज्ञानार्णवप्रन्थमेका दूसग अन्याय है. इसमें | १९२ संस्कृत श्लोक है. पडित जयचन्द्र जीकृत भाषाटीकासहित बारह
भावनाका बहुत ही उत्तम प्रन्थ है. मूल्य 1) टांक सर्च ST मिलनेका पना-पत्रालाल जैन, मालिक जैनग्रन्थरमाकर कार्यालय,
पोष्ट-गिरगांव, बमो.
):
(
V
RESED
GanGऊराट
-