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जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन
४ - अश्वावबोध (भड़ौच) ५ - उर्जयन्तगिरि (गिरनार )
६ -- का शहृद ७- कोकावसतिपार्श्वनाथ
८– खेटक खेड़ा)
अ
९ - खङ्गारगढ़ (जूनागढ़)
१० - तारण (तारङ्गा)
११- द्वारका
१२ - नगरमहास्थान ( वडनगर )
१३ - पाटलानगर
१४- प्रभासपाटन
१५ - मोढ़ेरक (मोढेरा)
१६ - राम सैन
१७ - वलभी
१८- वायड
१९- शत्रुञ्जय
२० - शंखेश्वर
२१ - सिंहपुर (सिहोर)
२२ - स्तम्भनक (थामणा) २३ - स्तम्भतीर्थ (खम्भात)
उपरोक्त तीर्थों में से अणहिलपुर, उज्जयन्त, शत्रुञ्जय, शंखेश्वर और स्तम्भनक पर स्वतंत्र कल्प लिखे गये हैं तथा शेष तीर्थों का चतुरशीतिमहातीर्थनामसंग्रहकल्प के अन्तर्गत उल्लेख है ।
५- दक्षिणापथ और दक्षिण भारत
जैसा कि पहले कहा जा चुका है इस विभाग के अन्तर्गत महाराष्ट्र आन्ध्रप्रदेश, कर्णाटक और केरल को सम्मिलित किया गया है ।
महाराष्ट्र १ - कोल्हापुर २ - डाकिनी भीमशंकर ३- नासिकयपुर (नासिक)
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