Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 343
________________ सहायक ग्रन्थसची प्रस्तुत सूची में उन सभी ग्रन्थों और शोधपत्र आदि का समावेश है जिनका लेखक ने शोधप्रबन्ध तैयार करने में सदुपयोग किया है । ग्रन्थसूची मुख्यतः दो भागों में विभाजित है - मूल स्रोत और आधुनिक साहित्य । मल स्रोत सामग्री, जैन आगम, आगमबाह्यजैन ग्रन्थ, ग्रन्थप्रशस्तियां, ग्रन्थसूची, पट्टावली और वंशावली, जैन अभिलेख सम्बन्धी ग्रन्थ और ब्राह्मण तथा बौद्ध ग्रंथों के रूप में विभाजित है। इनमें से प्रत्येक वर्ग में ग्रंथों को उनके नाम के वर्णमालाक्रम के अनुसार संग्रहीत किया गया है। आधुनिक ग्रंथ सूची में सामग्री का संकलन लेखकों के नाम के क्रम के अनुसार है और सुविधा के लिये प्रत्येक लेखक के ग्रंथों और शोधपत्रों को एक साथ ही रखा गया है। जैन आगम अन्तकृद्दशा (अन्तगडदसाओ), संपा०पी०एल० वैद्य, पूना, १९३२ ई०; टीका ( अभयदेव ), संपा०एम० सी० मोदी, अहमदाबाद १९३२ ई० । आचाराङ्ग (आयाराङ्ग, ,संपा० मुनि श्री जम्बूविजय, बम्बई,ई० १९७७ - नियुक्ति, ( भद्रबाहु ), सूरत, १९४१ ई०; ----- चूर्णी, ( जिनदासगणि), रतलाम, १९४१; --- वृत्ति, (शीलाङ्क), सूरत, १९३५ ई०; -- अंग्रेजी अनुवाद, हर्मन जैकोबी, सैड बुक्स ऑफ द ईस्ट, जिल्द २२, द्वितीय संस्करण, दिल्ली, १९६४ ई० । आवश्यक ( आवस्सय ), संपा० मुनि कन्हैयालाल, अनुवादक, घासी लाल, राजकोट (सौराष्ट्र), द्वितीय संस्करण, १९५८ ई० । -- नियुक्ति, (भद्रबाहु) भाग १-२, सूरत, १९४१ ई० --- चूर्णी, (जिनदासगणि) भाग १-२; रतलाम, १९२८-२९ ई० ---- टीका, (हरिभद्र, आगमोदय समिति, बम्बई, १९१६ ई०; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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