Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 363
________________ ३१० सहायक ग्रन्थसूची सिंह, जे० पी०-आस्पेक्ट्स ऑफ अर्ली जैनिज्म, वाराणसी, १९७२ ई०।। सिंह, आर० बी० पी०-जैनिज्म इन अर्ली मिडवल कर्णाटक, दिल्ली, १९७५ ई०। सिंह, हरिहर-जैन टेम्पुल्स, ऑफ वेस्टर्न इण्डिया, वाराणसी, १९८२ ई०। सूरि, विजयधर्म-संपा० प्राचीन तीर्थमाला संग्रह, भावनगर, वि० सं० १९७८ । सेठ, सी० बी०-जैनिज्म इन गुजरात, बम्बई, १९५३ ई० । सैन, मधु --ए कल्चरल स्टडी ऑफ निशीथचूणि, वाराणसी, १९७५ ई०। सोमपुरा, के० एफ०-स्ट्रक्चरल टेम्पुल्स ऑफ गुजरात, अहमदाबाद, १९६८ ई०। संघवे, वी० ए०-जैन कम्यूनिटो, बम्बई, १९५९ ई० । - द सेक्रेड श्रवणबेलगोला, नई दिल्ली, १९८२ ई० । स्मिथ, वी० ए०-जैन स्तूप एण्ड अदर ऐन्टीक्विटीज ऑफ मथुरा, पुनर्मुद्रित, वाराणसी, १९६९ ई० । हन्दीकी, के० के०-यशस्तिलक एण्ड इण्डियन कल्चर (द्वितीय संस्क ___ रण), शोलापुर, १९६८ ई० । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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