Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 364
________________ अकारादि क्रम-सूची १३९ १. मुनि-आचार्यादि सूची आसिमित्र (चतुर्थनिह्नव) १३७, अकम्पित (महावीर के ८वें गण इन्द्रदत्तउपाध्याय ११२ धर) १३७, १४० इन्द्ररक्षित ४७ अचलभ्राता ७७ उत्पल (पापित्यीयमुनि) २७ अजितप्रभसूरि ५६ उदयकीर्ति १४४, १५१, १८९ अजितसेनाचार्य ११२ उदयकीर्ति (दि० मुनि एवं ग्रन्थअन्निकापुत्राचार्य ९५, १२९ ___कार) २७८, २८४ अभयतिलकसूरि (ग्रन्थकार) ५६ अभयदेवसूरि (नवाङ्गीवृत्तिकार) उदयप्रभसूरि ५४, २४१ उद्योतनसूरि ३३, ४९ ७५, ७८, २६२-६३ उमास्वामी १३०, १३२ अभयदेवसूरि (मलधारगच्छीय) उब्वट (आयुर्वेद के भाष्यकार) २२४, २२५, २२६, २७७ अमरचन्द्रसूरि ५४ २३७ अमितगति (जैनआचार्य) ३८ ऋषिगुप्त ४६ अरिसिंह (कवि) २४१ कक्कसूरि (उपकेशगच्छीय) ५८, अवन्तिसुकुमाल १५३ ७८, १८३, २५५, २२७ आत्रेय (वैदिक परम्परा के दार्श- कक्कसूरि [कोरंटगच्छीय] १९९ निक) २७३ कमलप्रभसूरि (पूर्णिमागच्छीय)५९ आम्रदेवसूरि २५६ कपिल (वैदिक परम्परा के महान आर्यखपुटाचार्य २३१ ___ दार्शनिक) २७३ आर्यमंगु ( श्वेताम्बर आचार्य ) । कपिल (स्वयंबुद्ध) ११२, ११४ ९९, २८० कर्णाटभट्ट दिवाकर १५३ आर्यमहागिरि १७२ कालक (जैन आचार्य) ३२ आर्यरक्षित १३४, १६९, १७० कालकाचार्य १५९, २७३-७५ आर्यसमुद्र ( श्वेताम्बर आचार्य) कालवेशिकमुनि ९९ २८० कीर्तिवर्मा १६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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