Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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जैनतीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन
३२५ क्षेमराज (चापोत्कटवंशीय राजा) जयभट्ट 'प्रथम (चापोत्कटवंशीय२०९.११
शासक) ४९ खारवेल २९, ३१ गंगदत्त ११८, १२०
जयसिंहसिद्धराज (चौलुक्यसम्राट) गणपतिदेव (काकतीयनरेश) २८२- ५१-५३, २०९, २१४, २१६, २८३
२१८, २२४-२६, २३५, २५८, गण्डरादित्य (शिलाहारवंशीय- २६५ राजा) २६८
जयसिंह (परमारनरेश ) १५१गयासुद्दीनतुगलक २१५
१५२ गर्दभिल्लअणगार ८५
जसवती ८५ गुणधर (श्रेष्ठी) २२२
जावड़ २५३-५४ गुणराज (श्रेष्ठी) २०७ जितशत्रु ११२, ११४, १३२, २७३ गोतिपुत्र १०१
जिनचन्द्र ५७ गोविन्द 'तृतीय' (राष्ट्रकूटवंशीय- जेतला २६५ राजा) २६४
जेसलशाह ५८ चण्डप्रद्योत (उज्जयिनी नरेश) जैसिंह २६६
जोगराज २०९-१० चण्डसिंह १७६ चन्द्रगुप्तमौर्य २९, ३१, १३०,
झांझड़ ५५ १३३, २८७
ठक्कुरअचल १७ चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ३४
दद्द 'द्वितीय' (चापोत्कटवंशीय चन्द्रदेव (गहड़वालशासक) ८०,
शासक) ४९
दधिवाहन १२६, १२८ चाणक्य १३०
दशरथ ७७, २०० चामुण्डराज (चौलुक्यवंशीयशासक) दुमुह ८८ ५१, २०९, २११
दुर्जनशाल २५९ चाहड़ २११
दुर्लभराज (चौलक्यशासक) ५१, जगड़शाह ५४ जगसिंह १६
तेजपाल १७६, १७९, २१५.१७, जयतुगी १५२
२३८, २४१ जयदामन (क्षत्रपवंशीय शासक) तेवणीपुत्र १०१
तोरमाण (हूणनरेश) ३३
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