Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 346
________________ जैनतीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन आख्यानकमणिकोश ( आम्रदेवसूरि ) संपा० मुनि पुण्यविजय, वाराणसी, १९६२ ई० । आदिपुराण ( जिनसेन ), संपा० पन्नालाल जैन, वाराणसी, १९६३ ई० उत्तरपुराण ( गुणभद्र ), संपा० पन्नालाल जैन, वाराणसी, १९६८ ई०। उपदेशतरंगिणी ( रत्नमन्दिरगणि), वाराणसी वीर सं० २४३७ । उपदेशप्रासाद ( विजयलक्ष्मी मूरि ), राजनगर, १९३८ ई० । उपदेशसप्ततिः ( सोमधर्मगणि), अहमदाबाद, वि०सं० १९९८ । कुवलयमाला ( उद्योततसूरि ), संपा० ए० एन० उपाध्ये, भाग १ -२, बम्बई, १९५९-७५ ई० । २९३ कीर्तिमुदी ( महाकवि सोमेश्वर ) संपा० मुनि पुण्यविजय, बम्बई, १९६१ ई० । कुमारपालचरितसंग्रह, संपा० जिनविजय मुनि, बम्बई, १९५६ ई० । कुमारपाल प्रतिबोध ( सोमप्रभाचार्य ) गायकवाड़ ओरियण्टल सिरीज नं० १४, बड़ौदा १९२० ई० । गुर्वावली ( मुनिसुंदरसूरि ), यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी, वीर सम्वत् २४३७ । चन्द्रप्रभचरित ( वीरनन्दी ), संपा० अमृत लाल शास्त्री, शोलापुर, १९७१ ई० । जैनस्रोतसंदोह, संपा० अमर विजय मुनि, खण्ड १, अहमदाबाद, १९३२ ई० । तत्वार्थ सूत्र ( उमास्वाति ) संपा० पं० सुखलाल जी, बनारस, १९५२ ई० । तिलोपपत्ति ( यतिवृषभ ? ), संपा० ए० एन० उपाध्ये, भाग १ - २, शोलापुर, १९४३ ई० । तीर्थमालास्तवन ( विनयप्रभसूरि ) संपा० अगरचन्द नाहटा, भंवरलाल नाहटा, जैन सत्यप्रकाश, वर्ष १७, पृ० १५-२२ । धर्माभ्युदयमहाकाव्य ( उदयप्रभसूरि ), संपा० चतुर विजय एवं पुण्यविजय, बम्बई, १९४२ ई० । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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