Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 358
________________ जैनतीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन ३०५ बैनर्जी, आर० डी० -- "सम स्कल्पचर्स फ्राम कोसम' आकियो ला जिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, ऐनुवल रिपोर्ट, ( १९१३-१४ ई० ) पृ० २६२-६४ । "न्यू ब्राह्मी इन्सकृप्सन्स ऑफ सीथियन पीरियड", इपि ग्राफिया इण्डिका, जिल्द १०, पृ० १०७ । भट्टाचार्य, बी० सी०- जैन आइकनोग्राफी द्वितीय संस्करण, दिल्ली, १९७४ ई०। भट्टाचार्य, पी० के०-हिस्टॉरिकल ज्योग्राफी ऑफ मध्यप्रदेश काम अर्ली रिकार्डस, दिल्ली, १९७७ ई० । भाटिया, प्रतिपाल- द परमार्स, नई दिल्ली, १९७० ई० । मजमूदार, एम० आर०-कल्चरल हिस्ट्री ऑफ गुजरात, बम्बई, १९६५ ई०। मजुमदार, ए० के०-चौलुक्याज ऑफ गुजरात, बम्बई, १९५६ ई० । मजमदार, आर० सी०-- द क्लासिकल एकाउन्ट्स ऑफ इण्डिया, द्वि० सं० कलकत्ता, १९८१ ई० । कारपोरेट लाइफ इन ऐन्शेंट इण्डिया ( हिन्दी अनुवाद), सागर, १९६६ ई० । 'जैनिज्म इन ऐन्शेन्ट बंगाल' श्री महावीर जैन विद्यालय गोल्डेन जुबली वाक्यूम, बम्बई, १९६८ ई०, भाग १, पृ० १३०-१३८ । मजूमदार, आर० सी० तथा पुसालकर, ए० डी०-संपा० द एज ऑफ इम्पीरियल यूनिटी, बम्बई, १९५३ ई० । द क्लासिकल एज, बम्बई, १९५४ ई० । द एज ऑफ इम्पीरियल कन्नौज, बम्बई, १९५५ ई० । द स्ट्रगिल फार एम्पायर, बम्बई, १९५७ ई० । - द दिल्ली सल्तनत, बम्बई, १९६० ई० । महोपाध्याय, विनयसागर-शासन प्रभावक आचार्य जिनप्रभ और उनका साहित्य, बीकानेर, १९७५ ई० । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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