Book Title: Jain Tirthon ka Aetihasik Adhyayana
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 356
________________ जैनतीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन देसाई, पी० बी०-जैनिज्म इन साउथ इण्डिया, शोलापुर, १९५७ ई० देव, एस० बी० हिस्ट्री ऑफ जैन मोनाकिज्म, पूना, १९५६ ई० । ___ - जैन मोनास्टिक ज्यूरिपडेंस, बनारस, १९६० ई० । दोशी, बेचरदास-जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग १, वाराणसी १९६६ ई०।। नाहटा, अगरचन्द - "जैन साहित्य का भौगोलिक महत्त्व", प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ, टीकमगढ़, १९४६ ई० पृ० ४७६-४८७ । नाहटा, अगर चन्द तथा नाहटा, भंवरलाल- खरतरगच्छ का इति हास, भाग १ अजमेर, १९५९ ई०। सं० बीकानेर जैन लेख संग्रह, कलकत्ता, १९५५ ई० । ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, कलकत्ता, वि०सं० १९९४ । 'तलघर से प्राप्त १६० जिन प्रतिमायें, अनेकान्त वर्ष १९ अंक १-२, १९६६ ई०, पृ० ८१-८३ । नाहटा भंवरलाल --'तालागुडी की जैन प्रतिमा', जैन जगत, वर्ष १३, अंक ९-११, १९५९-१९६० ई०, पृ० ६०-६१ । न्याय विजय-'गुजरातमा केटलीक प्राचीन जैन मंदिरों' जैन सत्य प्रकाश, वर्ष १३, अंक २ अहमदाबाद पृ० ३५-४३ । परीख, आर० सी० तथा शास्त्री, हरिप्रसाद - सं० गुजरातनो राजकीय अने सांस्कृतिक इतिहास, भाग १-६, अहमदाबाद, १९७२ ७९ ई०। पाटिल, डी० आर०-कल्चरल हेरिटेज ऑफ मध्य भारत, ग्वालियर १९५२ ई०। - द एन्टीक्वेरियन रोमेन्स इन बिहार, पटना, १९६३ ई० । द डिस्कृप्टिव एण्ड क्लासिफाइंड लिस्ट ऑफ आकियोलाजिकल मानुमेन्ट्स ऑफ मध्यभारत, ग्वालियर, १९५२ ई०। पाठक, विशुद्धानन्द -- उत्तर भारत का राजनैतिक इतिहास, लखनऊ, १९७२ ई०। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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