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१८२
१ - वि० सं० १०८८
२ - वि० सं० १२३४ ३ - वि०
० सं० १२३४
४ - वि० सं० १४३८
५ - वि० सं० १४९२
६ - वि० सं० १५१२
७ - वि० सं० १५३४
८ - वि० सं० १५४९
९ - वि० सं० १६१२
१० - वि० सं० १६८३
प्रतिमा-लेख
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पश्चिम भारत के जैन तीर्थ
फाल्गुन वदि ४
वैशाख सुदि १४
वैशाख सुदि १४
मंगलवार
आषाढ़ सुदि ९
शुक्रवार
वैशाख वदि ५
फाल्गुन सुदि ८ शनिवार
माघ सुदि ५
जिन प्रतिमा
का लेख
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पार्श्वनाथ की
प्रतिमा का लेख
संभवनाथ की
प्रतिमा का लेख
कुन्थुनाथ की प्रतिमा का लेख
धर्मनाथ की
माघ सुदि ५
गुरुवार वैशाख सुदि ५
ज्येष्ठ सुदि ३
११ - वि० सं० १७५८
आषाढ़ सुदि १३
युक्त मंदिर १०वीं
यहीं स्थित पीपलादेवी का विशाल सभामंडप शती के अन्तिम चरण में निर्मित हुआ है ।" इसी प्रकार यहां स्थित सचिया माता का मंदिर ई० सन् ८वीं शती का है, परन्तु इसके अधिकांश भाग १२वीं शती में निर्मित हैं ।
२
१. जैन, कैलाशचन्द्र - पूर्वोक्त, १८३
2. Dhaky, M. A. - "The Iconography of Sacciya Devi” Babu Chote Lal Jain Commemoration Volume ( Calcutta 1967 A. D. ) p. -63-69.
प्रतिमा का लख
विमलनाथ की
प्रतिमा का लेख जिन प्रतिमा
पर उत्कीर्ण लेख
सम्भवनाथ की प्रतिमा का लेख
जिन प्रतिमा
पर उत्कीर्ण लेख
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