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श्वेताम्बर श्रमण संघ का प्रारम्भिक स्वरूप __ सुस्थित-सुप्रतिबुद्ध के ५ शिष्य विख्यात हुए, जिनके नाम इस प्रकार
१. आर्यइन्द्रदिन्न २. स्थविर प्रियग्रन्थ ३. विद्याधर गोपाल ४. स्थविर ऋषिदत्त ५. स्थविर अर्हदत्त
स्थविर प्रियग्रन्थ से मध्यमिका शाखा और स्थविर विद्याधर गोपाल से विद्याधरी शाखा अस्तित्व में आयी ।
आर्यइन्द्रदिन के शिष्य आर्यदिन्न हुए । आर्यदिन्न के दो शिष्य हुए :१. शांतिश्रेणिक २. सिंहगिरि आर्य शांतिश्रेणिक (शांतिसेन) से उच्चैर्नागर शाखा प्रारम्भ हुई। शांतिसेन के ४ शिष्य हुए। १. आर्यश्रेणिक २. आर्य तापस ३. आर्य कुबेर ४. आर्य ऋषिपालित उक्त चारों शिष्यों से उन्हीं के नामों वाली शाखायें अस्तित्व में आयीं । आर्य सिंहगिरि के ४ शिष्य हुए :१. धनगिरि २. आर्यवज्र ३. आर्यसमित ४. आर्यअर्हद्दत्त
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