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अनिद्रा-अनुक्रम अनिद्रा-स्त्री० [सं०] नींद न आनेकी बीमारी।
समूह; सेना। अनिद्वित-वि० [सं०] जो सोया न हो, जाग्रत् । अनीक-पु० [सं०] सेना; समूह; सैन्यपंक्ति युद्ध किनारी। अनिप-पु० सेनापति ।
*वि० जो नीक अर्थात् अच्छा न हो, खराब । अनिपुण-वि० [सं०] अकुशल, अधकचरा। -श्रमिक- अनीकिनी-स्त्री० [सं०] सेना; अक्षौहिणी या पूरी सेनाका पु० (अनस्किल्ड लेबर) किसी कारखाने आदिमें काम दसवाँ भाग-२१८७ हाथी, २१८७ रथ, ६५९१ घोड़े करनेवाला वह श्रमिक जिसने अपना काम करनेकी और १०९३५ पैदल ।। विशेष योग्यता, कुशलता न प्राप्त कर ली हो।
अनीठ-वि० अनिष्ट ; अप्रिय; बुरा। अनिमंत्रित-वि० [सं०] विना बुलाया हुआ, अनाहूत । । अनीठि*-स्त्री० बुराई, क्रोध । अनिमा-स्त्री० दे० 'अणिमा'।
अनीत*-स्त्री० अन्याय, दुर्व्यवहार; दुष्कर्म । अनिमिप,-मेष-वि० [सं०] जिसकी पलक न गिरे, स्थिर- अनीति-स्त्री० [सं०] अन्याय, अनुचित व्यवहार; दुराचार। दृष्टि; जागरूक; खुला हुआ, विकसित । अ० बिना पलक , अनीप्सित-वि० [सं०] अनभिलषित, अनिच्छित । गिराये, एकटक । पु० देवता; मछली; महाकाल । -दृष्टि, अनीश-वि० [सं०] जिसका कोई स्वामी या नियंता न -नयन,-लोचन-वि० एकटक देखनेवाला।
हो; प्रधान; असमर्थ । अनियंत्रित-वि० [सं०] प्रतिबंधरहित स्वच्छंद; निरंकुश। अनीश्वरवाद-[सं०] -पु० ईश्वरका अस्तित्व न मानना; अनियत-वि० [सं०] अनिश्चित; अनियमितअस्थिर; नास्तिक मत । -वादी (दिन)-वि० ईश्वरका अस्तित्व असीम; असाधारण; आकस्मिक ।
न माननेवाला; नास्तिक । अनियम-पु० [सं०] नियमका अभाव; व्यवस्थाका अभाव | अनीस*-वि० अनाथ; दे० 'अनीश' । बेकायदगी; निश्चित आदेशका न होना।
अनीह-वि० [सं०] इच्छारहित; उदासीन; बे-परवाह । अनियमित-वि० [सं०] नियमरहित; नियमविरुद्ध । अनीहा-स्त्री० [सं०] अनिच्छा; उदासीनता; निश्चेष्टता। अनियाउ (व)*-पु० दे० 'अन्याय'।
अनु-अ० ( उप०) [सं०] शब्दोंके पहले मिलकर यह अनियारा-वि० अनीदार, पैना केटीला; बाँका, बहादुर ।। पीछे ( अनुचर ), समान (अनुरूप), साथ ( अनुपात), 'चम्पतिराय बड़े अनियारे-छत्र०।।
बारंबार (अनुशीलन), प्रत्येक (अनुदिन ), ओर, अनिरुद्ध-वि० [सं०] जिसका निरोध न हुआ हो या न हो योग्य, मुनासिब, हीन, गौण आदि अर्थोंका द्योतन करता सके; बेरोक; स्वच्छंद । पु० कृष्णके पौत्र, प्रद्युम्नके पुत्र । । है । पु० ययातिका एक पुत्र । * अ० अब हाँ ठीक । * अनिर्णय-पु० [सं०] निर्णयका अभाव, अनिश्चय ।
पु० दे० 'अणु' । अनिर्दिष्ट-वि० [सं०] जिसका निर्देश न किया गया हो; अनुकंपा-स्त्री० [सं०] दया, हमदर्दी । न बताया हुआ; अनादिष्ट ।
अनुकंपित-वि० [सं०] जिसपर अनुकंपा की गयी हो । अनिर्धारित-वि० [सं०] अनिश्चित ।
अनुकरण-पु० [सं० नकल; देखादेखी करना । अनिर्वचनीय-वि० [सं०] निर्वाचनके अयोग्य; जिसके अनुकरणीय-वि० [सं०] अनुकरण करने योग्य । लक्षण आदि न बताये जा सकें; वर्णनके अयोग्य । अनुकारक, अनुकारी (रिन्)-वि० [सं०] नकल या अनिर्वाच्य-वि० [सं०] जिसका निर्वाचन न हो सके, जो देखादेखी करनेवाला; आशाकारी। चुना न जा सके। दे० 'अनिर्वचनीय'।
अनुकूल-वि० [सं०] मेल रखनेवाला, मुआफिक; सहायक; अनिल-पु० [सं०] वायु, पवन, हवा; पवन देव; अष्ट प्रसन्न ।*अ० ओर, अभिमुख । पु० विवाहिता पत्नीमें अनुरक्त वसुओंमेंसे एक; वातरोग; ४९ पवनोंमेंसे एक; ४९की | रहनेवाला नायक; अर्थालंकारका एक भेद जिसमें प्रतिकूल संख्या । -कुमार-पु० हनूमान् भीम ।
वस्तुसे अनुकूलकी सिद्धि दिखायी जाती है। अनिलात्मज-पु० [सं०] हनूमान्; भीम ।
अनुकूलन-पु० (एडेप्टेशन) आवश्यक परिवर्तन कर अनिलामय-पु० [सं०] बातरोग।
अनुकूल बनाना; किसी कार्यादिके उपयुक्त बनाना । अनिलाशन, अनिलाशी (शिन् )-पु० [सं०] साँप। अनुकूलना*-अ० क्रि० प्रसन्न होना; मुआफिक होना । अनिवार्य-वि० [सं०] जिसका निवारण न हो सके;; अटल; | अनुकूलित-वि० (एडैप्टेड ) आवश्यक परिवर्तन करनेके जो छोड़ा न जा सके; अत्यावश्यक। -भरती-स्त्री० बाद जो (स्थिति आदिके) अनुकूल बना लिया गया हो। (कॉन्सक्रिप्शन) स्थल-सेना, जलसेना आदिमें सेवाके लिए अनुकूलीकरण-पु० (एडेप्टेशन) दे० 'अनुकूलन'। अनिवार्य रूपमे भरती कर लिया जाना ।
अनुकृत-वि० [सं०] जिसकी नकल की गयी हो। अनिश्चय-पु० [सं०] निश्चयका अभाव; संदेह ।
अनुकृति-स्त्री० [सं०] नकल; देखादेखी; एक काव्यालंकार । अनिश्चित-वि० [सं०] जिसका निश्चय न हुआ हो या न -काव्य-पु० (पैरोडी) किसी प्रसिद्ध कविकी कविताका हो; कच्चा; संदिग्ध ।
ऐसा अनुकरण जिसमें शब्द-विन्यास एवं विचार-परंपरा अनिषिद्ध-वि० [सं०] जो वजित या अविहित न हो। । इस तरह बदल दी जाय कि उसके पढ़नेसे हास्यमिश्रित अनिष्ट-वि० [सं०] जो इष्ट न हो; अवांछित; हानिकरः | | आनंदकी सृष्टि हो। बुरा । पु० अहित; हानि; अमंगल; विपत् । -कर-वि० | अनुक्त-वि० [सं०] अकथित, न कहा हुआ। हानिकारक । -ग्रह-पु० बुरा या हानिकारक ग्रह । अनुक्रम-वि० [सं०] क्रमबद्ध । पु० उचित कम, सिलअनी-स्त्री० नोक, कोर; लगने, चुभनेवाली बात; ग्लानि । सिला; एकके बाद एक होनेकी क्रिया दे० 'अनुक्रमणी' ।
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