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सर्वाग सुन्दरअनन्यशिल्पकलावतार का अर्बुदाचल स्थश्रीविमलवसति
देलवाड़ा
पच्छिम
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दक्षिण
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धनधानललोचकाय
हस्तिसाला
देवकुलि कानों की ममनासिंहद्वार दक्षिणपनस प्रारंभहोती है। सांकेनिकचिह- IA देवकुनि कामों के ऊपर शिस्बरतोरण कम कारणादार देवकुलिकाय वेवकुनि काकिमयकामधारण ० गुंगजचित्र के उपर) मुन्चर " "
• अनि सुन्दर स्तम देवकुलिकाकीद्वारशास्वा - दिवार • माधारण स्तंभ
साधारण
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सर्व अङ्ग सम्पूर्ण जिनप्रासाद. वि. सं. १०८८.
प्राग्वाट इतिहास प्रकाशक समिति, स्टे० राणी के सौजन्य से ।