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१६२
प्रज्ञापना सूत्र
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बादर तेजर कायिक अपर्याप्तक जीवों का उतपात क्षेत्र “दोसु उड्ढकवाडेसु तिरियलोग तट्टे य"।
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अ
“न
'अ' से 'ब' तक 14 रज्जु की ऊंचाई। 'क' से 'ख' या 'क' से 'ग' तथा 'का' से 'प' या 'का' से 'ध' तक की लम्बाई आधा रज्जु तिरछे लोक के अन्त तक । 'प' से 'फ' तक की चौड़ाई 45 लाख योजन है वैसा ही चारों तरफ समझना चाहिये । 'घ' से 'न' तक 1800 योजन की या 1900 योजन की जाड़ाई समझना । इसी प्रकार चारों दिशा में समझना चाहिये।
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