Book Title: Pragnapana Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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दूसरा स्थान पद - वैमानिक देवों के स्थान
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वस्त्रों का धारक है। शेष सारा वर्णन शक्र के समान यावत् प्रकाशित करता है वहाँ तक कह देना चाहिए। वह ईशानेन्द्र वहाँ अट्ठाईस लाख विमानों का, अस्सी हजार सामानिक देवों का, तेतीस त्रायस्त्रिंशक देवों का, चार लोकपालों का, आठ परिवार सहित अग्रमहिषियों का, तीन परिषदाओं का, सात सेनाओं का, सात सेनाधिपतियों का, अस्सी हजार से चार गुणा अर्थात् तीन लाख बीस हजार आत्मरक्षक देवों का तथा अन्य बहुत से ईशान कल्पवासी देवों और देवियों का आधिपत्य, अग्रेसरत्व करता हुआ यावत् विचरण करता है। - विवेचन - सौधर्म देवलोक और ईशान देवलोक दोनों बराबरी में आये हुए हैं। सौधर्म देवलोक मेरु पर्वत से दक्षिण की तरफ है और ईशान देवलोक उत्तर की तरफ है। पहले देवलोक के इन्द्र का नाम शक्र है और दूसरे देवलोक के इन्द्र का नाम ईशान है। शक्र दक्षिणार्ध लोक का अधिपति कहलाता है और ईशान उत्तरार्ध लोक का अधिपति कहलाता है। शक्रेन्द्र हाथ में वज्र रखता है और ईशानेन्द्र हाथ में त्रिशूल रखता है। शक्रेन्द्र का वाहन एरावण (एरावत) हाथी है तो ईशानेन्द्र का वाहन वृषभ (बैल) है। देवलोक में तिर्यंच पंचेन्द्रिय नहीं है इसलिये एरावण हाथी
और वृषभ ये तिर्यंच पंचेन्द्रिय नहीं हैं किन्तु इन्द्रों के अभियोगिक देव ही वैक्रिय शक्ति से ऐसा वैक्रिय (हाथी और बैल का) रूप धारण करते हैं। ___कहि णं भंते! सणंकुमार देवाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पण्णत्ता? कहि णं भंते! सणंकमारा देवा परिवसंति? ____ गोयमा! सोहम्मस्स कप्पस्स उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं बहूई जोयणाई, बहूई जोयणसयाई, बहूइं जोयणसहस्साई, बहूइं जोयणसयसहस्साइं, बहुगाओ जोयणकोडीओ, बहुगाओ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढे दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं सणंकुमारे णामं कप्पे पण्णत्ते। पाईण पडीणायए, उदीण दाहिणवित्थिपणे जहा सोहम्मे जाव पडिरूवे। तत्थ णं सणंकुमाराणं देवाणं बारस विमाणावास सयसहस्सा भवंतीति मक्खायं। ते णं विमाणा सव्व रयणामया जाव पडिरूवा। तेसि णं विमाणाणं बहुमज्झदेसभागे पंच वडिंसगा पण्णत्ता। तंजहा- असोगवडिंसए, सत्तवण्णवडिंसए, चंपगवडिंसए, चूयवडिंसए, मज्झे एत्थ सणंकुमारवडिंसए। ते णं वडिंसया सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा। ____एत्थ णं सणंकुमारदेवाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पण्णत्ता। तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे। तत्थ णं बहवे सणंकुमारदेवा परिवसंति, महिड्डिया जाव पभासेमाणा.
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