Book Title: Paumchariyam Part 04
Author(s): Parshvaratnavijay
Publisher: Omkarsuri Aradhana Bhavan

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Page 13
________________ क्रम विषय १११. रामविप्पलावविहाणं नाम एगादसुत्तरसयं पव्वं ११२. लक्खणविओगबिहीसणवयणं नाम बारसुत्तरसयं पव्वं ११३. कल्लाणमित्तदेवागमणं नाम तेरसुत्तरसयं पव्वं ११४. बलदेव निक्खमणं नाम चउद्दसुत्तरसयं पव्वं पृष्ठ नं. क्रम विषय पृष्ठ नं. | ११५. गोयरसंखोभविहाणं नाम ६८९-६९०] पञ्चदसुत्तरसय पव्व ७०२-७०३ | ११६. दाणपसंसाविहाणं नाम ६९१-६९२ | सोलसुत्तरसयं पव्वं ७०४-७०५ ११७. पउमस्स केवलनाणुप्पत्तिविहाणं ६९३-६९८ नाम सत्तदसुत्तरसयं पव्वं ७०६-७०९ ११८. पउमनिव्वाणगमणं नाम ६९९-७०१ अट्ठदसुत्तरसयं पव्वं ७१०-७१९ Jain Education Intemational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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