________________ काम - ऊर्जा का दमन करना होता है, तभी तुम बनते हो बड़े कलाकार। काम –ऊर्जा को होना होता है कुंठित, तभी तुम बनते हो बड़े वैज्ञानिक। फ्रायड कहता है कि जिन लोगों की काम-ऊर्जा बहुत ज्यादा दमित होती है, वे वैज्ञानिक बन जाते हैं; क्योंकि रहस्य को उघाड़ने की कोशिश एक कामक जिज्ञासा है-एक छोटा लड़का जानने की कोशिश कर रहा है कि नग्न लड़की कैसी लगती है; उसे जिज्ञासा होती है। सारे लड़के दुनिया भर में एक खेल खेलते हैं-'डाक्टर।' वे बन जाते हैं डाक्टर और लड़की बन जाती है मरीज-छोटी लड़कियां, छोटे डाक्टर, छोटे मरीज-बस यह जानने के लिए कि वस्त्रों के भीतर लड़की कैसी लगती है। और डाक्टर को अनुमति है; उसे जांचना ही होता है शरीर। यह जिज्ञासा वैसी ही जिज्ञासा है जैसी किसी वैज्ञानिक की जिज्ञासा। यदि कामवासना का दमन किया गया है, तो बाद में वैज्ञानिक हर कहीं छानबीन करने की कोशिश करेगा-प्रकृति को निर्वस्त्र करेगा रहस्यों से पर्दे उठाएगा कि क्या छिपा है। वह चाहता है कि सारा संसार, सारा अस्तित्व नग्न प्रकट हो जाए, ताकि वह प्रत्येक रहस्य, प्रत्येक स्थान, प्रत्येक कोना जान ले। यदि कामवासना को जीने की स्वतंत्रता हो.. उदाहरण के लिए संसार भर में आदिम समाज हैं, थोड़े से आदिम समाज। उन्होंने कोई बड़ा वैज्ञानिक नहीं पैदा किया। वे कर नहीं सकते। बस्तर में भारत में, मैंने देखा है आदिवासियों के एक छोटे से समुदाय को। उनके यहां एक छोटा निवास स्थान होता है, समुदाय का घर, एक 'घोटुल' होता है प्रत्येक गांव में। बारह वर्ष की आयु के बाद प्रत्येक युवक और युवती को उस घोटुल में जाकर सोने की आज्ञा होती है। सारी युवतियां वहां सोती हैं, सारे युवक वहां सोते हैं। और कोई बंधन नहीं होता उनकी काम- भावना पर-वे आनंदित होते हैं। केवल एक शर्त होती है, जो कि अदभुत है, कि कोई युवक किसी युवती के साथ तीन दिन से ज्यादा नहीं रहेगा। ताकि वह गांव की तमाम लड़कियों को जान ले जिससे वह निर्णय ले सके, और प्रत्येक लड़की जान ले गांव के प्रत्येक लड़के को। तो वे निर्णय ले सकते हैं कि उन्हें जीवन भर किसके साथ रहना है। यह बात सच में बहुत सुंदर है-सहज-सरल, और बड़ी मानवीय। हर लड़के को पूरी स्वतंत्रता मिलती है, हर लड़की को पूरी स्वतंत्रता मिलती है-कोई दमन नहीं होता। एक बार वे जान लेते हैं अपने समुदाय के सभी लड़कों को और सभी लड़कियों को तो निर्णय कर सकते हैं। जब निर्णय कर लेते हैं, तब फिर कोई स्वतंत्रता नहीं रहती। असल में तब कोई जरूरत ही नहीं रह जाती। वे ऐसे सच्चे प्रेमी होते हैं जैसे तुम्हें संसार में कहीं नहीं मिल सकते। एक बार कोई युवक और युवती विवाह करने का निर्णय ले लेते हैं, तो वे दूसरे युवक और युवतियों को भूल जाते हैं बिलकुल। कोई मतलब नहीं रहता; उन्होंने जान लिया सभी को। और यह उनका अपना चुनाव है। उन्होंने खोज लिया है अपना साथी, खत्म हो गई बात! वे कभी विश्वासघात नहीं करते एक-दूसरे के साथ। ऐसा कभी नहीं हुआ उनके इतिहास में कि कोई पति किसी दूसरी स्त्री के साथ प्रेम करता पाया