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विषय
| सुप्रसिद्ध इतिहासज्ञ साहित्य-तपस्वी सिद्धान्ताचार्य १ मुख्तार श्री जुगलकिशोरजी की
६०वीं जन्म-जयन्ती का उत्सव
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विषय-सूची क्रमांक १. ऋषभ-स्तोत्रम्-मुनि पयनन्दि २. धुवेला संग्रहालय के जैन मूर्ति लेखबालचन्द जैन एम. ए.
२४४ ३. तिरूकुरल (तमिल वेद) 'एक जैन रचना
एटा में २३ दिसम्बर १९६६ को दिन के २ बजे से -मुनि श्री नगराज जी
डा. ज्योतिप्रसाद जी जैन एम. ए. एल. एल. बी; पी४. जैन साहित्य के अनन्य अनुरागी-डा.
एच.डी लखनऊ की अध्यक्षता मे मगया जायगा। वासुदेव शरण अग्रवाल-डा. कस्तूरचन्द
इस शुभ अवसर पर मुरूमार श्री के सम्बन्ध मे जो कासलीवाल
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चार निबन्ध पुरस्कृत हुए है वे उन्हें भेट किये जायेंगे, ५. दिल्ली शासकों के समय पर नया प्रकाश
पागत श्रद्धाञ्जलियां पढी जायेंगी, संस्मरण सन्देश सुनाये हीरालाल सिद्धान्त शास्त्री
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जायेंगे, विद्वानों के भाषण होगे और शुभ कामनाये ६. निर्वाण काण्ड की निम्न गाथा पर विचार
व्यक्त की जाएंगी। जो सज्जन मुख्तार थी और उनके -पं. दोपचन्द पाण्डया
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साहित्य से प्रेम रखते हैं प्राशा है वे इस मंगल मिलन में ७. उपनिषदों पर श्रमण संस्कृति का प्रभाव
किमी न किसी रूप में शामिल होने की कृपा करेगे। -मुनि श्री नथमल
कृपाकांक्षी ८. षट् खण्डागम और शेष १८ अनुयोग द्वार
डाक्टर श्रीचन्द्र जैन 'संगल' बालचन्द सिद्धान्त शास्त्री
जी टी. रोड एटा (उ.प्र.) ६. समय और साधना-साध्वी श्री राजीमतिजी २७० १०. श्रमण सस्कृति के उद्भावक ऋषभदेव -परमानन्द शास्त्री
२७३ अनेकान्त के ग्राहकों से . ११. अग्रवालों का जैन सस्कृति में योगदान -परमानन्द शास्त्री
२७६ अनेकान्त के प्रेमी पाठको से निवेदन है कि अनेकान्त १२. शान्तिनाथ फागु-कुन्दनलाल जैन २८२ | के कुछ ग्राहको ने १९ वर्ष का वार्षिक मूल्य अभी तक भी १३. एक लाख रुपये का साहित्यिक पुरस्कार नही भेजा है उनसे पुन. प्रेरणा की जाती है कि वे अपना -कवि जी शकर कुरूप को
२०७| वार्षिक शुल्क ६) रुपया मनीआर्डर से शीघ्र भेज कर अनु१४ साहित्य-समीक्षा-परमानन्द शास्त्री २८६ | गृहीत करे । अन्यथा उन्हे अगला प्रकवी० पी० से भेजा सम्पादक-मण्डल
जावेगा, जिमसे ७५ पैसे अधिक देने होंगे। नये बनने वालो डा०मा० ने उपाध्ये
ग्राहको को ४) का छोटेलाल जैन स्मृति अंक भी उसी ६) डा०प्रेमसागर जैन
रुपये में ग्राहक बनने पर मिलेगा, उसका अलग चार्ज श्री यशपाल जैन
नही देना पड़ेगा।
व्यवस्थापक 'अनेकान्त'
वीरसेवा मन्दिर, २१ दरियागज दिल्ली भनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पावक मण्डल उत्तरदायी नहीं हैं।
अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया व्यवस्थापक अनेकान्त एक किरण का मूल्य १ रुपया २५५०
२६५।
२७६।प्रनकान्तमा