Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Hemchandraji Maharaj, Amarmuni, Nemichandramuni
Publisher: Atmagyan Pith
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विवेक ही धर्म का मूल है, गुरु शुश्रूषा करने वाले साधक ही धर्मनिष्ठ होते हैं, बन्धनमुक्त, पुरुषादानीय कौन साधक होता है, निषिद्ध बातें अनाचरणीय हैं, समस्त विकारों का त्याग कर मोक्ष में ही लौ लगाए।
दशम अध्ययन : सम धि : ७८१-८१३ अध्ययन का संक्षिप्त परिचय, सर्वज्ञ भगवान महावीर द्वारा कथित समाधि धर्म सुनो, प्राणातिपात और अदत्तादान से सर्वथा विरमण से भावसमाधि. श्रुतसमाधि, दर्शनसमाधि और आचारसमाधि के उपाय, जितेन्द्रिय एवं बन्धनमुक्त बनकर सभी संतप्त प्राणियों को देखो, प्राणिहिंसा करने-कराने से समाधि का नाश, समाधि, कौन-सी भ्रान्त : कौन-सी अभ्रान्त, समत्व ही समाधि का उत्तम मार्ग, ये समाधिभाव को प्राप्त नहीं कर सकते । सर्वबन्धनमुक्त मुनि अपने धर्म पर दृढ़ रहे, समाधिअर्थी साधक के लिए कुछ शिक्षाएँ, समाधि-प्राप्ति का एक उपाय : शरीर के प्रति निरपेक्षता, एकत्व भावना ही मोक्षप्रदायक समाधि का द्वार, निःसन्देह वह साधु समाधिप्राप्त है, विषयों में अनासक्त साधु भावसमाधि कैसे पाए ? समाधिप्राप्त के कुछ लक्षण, मोक्ष के सम्बन्ध में अस्पष्ट लोग दर्शनसमाधि से दूर, अज्ञानमूलक मतों के एकान्त आश्रय से समाधि नहीं, इन्हें किसी प्रकार की समाधि प्राप्त नहीं होती, ममत्व का पुतला समाधि नहीं पा सकता, समाधि-प्रार्थी साधक पाप को पास न 'फटकने दे, समाधि-धर्मज्ञ हिंसादि पापों से दूर रहे, असत्य एवं अन्य पापों से दूर रहना ही सम्पूर्ण समाधि, आचारसमाधि के लिए क्या हेय क्या उपादेय ? आदर्श तपःसमाधि के पाँच मूलमंत्र ।
एकादश अध्ययन : मार्ग : ८१४-८४८ अध्ययन का संक्षिप्त परिचय, निक्षेप की दृष्टि से मार्ग का विवेचन, चौभगी की दृष्टि से भावमार्ग का निरूपण, सम्यकमार्ग और मिथ्यामार्ग, सत्यमार्ग के एकार्थक शब्द, एक प्रश्न : कौन-सा मोक्षमार्ग ? सर्वदुःखमोक्षक शुद्ध श्रेष्ठ मार्ग के स्वरूप की जिज्ञासा, कौनसा मोक्ष-मार्ग बताएँ ? उन्हें यह मार्ग बताना ! सर्वज्ञ महावीरकथित मार्ग का माहात्म्य, तीनों काल में संसारसागर से पार करने वाला मार्ग, अहिंसा का आचरण ही मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है, मोक्षमार्ग पर चलने के लिए दोषों और विरोधों से निवृत्ति आवश्यक, मोक्षमार्ग का पथिक साधक एषणा समिति से युक्त हो, ऐसा करने से ही मोक्षमार्ग
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