Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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क्र.
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15
नाम
ध्रुव
धान्य
जय
नन्द
16
खर
कांत
सुमुख
12 धनद
मनोरम दो ओर दीवार, दक्षिण व पश्चिम में कमरा
क्रूर
सुपक्ष
स्थिति
चारों ओर दीवार, कमरा नहीं
तीन ओर दीवार, पूर्व में कमरा
तीन ओर दीवार, दक्षिण में कमरा
दो ओर दीवार, पूर्व व दक्षिण
में कमरा
दुर्मुख तीन ओर दीवार उत्तर की ओर कमस
क्षय
तीन ओर दीवार, पश्चिम में कमरा
दो ओर दीवार, पूर्व व पश्चिम
में कमरा
एक ओर दीवार पूर्व, पश्चिम, दक्षिण में कमरा
'दो ओर दीवार पूर्व व उत्तर
की ओर कमरा
दो ओर दीवार उत्तर व दक्षिण
की ओर कमरा
एक ओर दीवार पूर्व, उत्तर,
दक्षिण की ओर कमरा
दो ओर दीवार उत्तर, की ओर कमरा
पश्चिम
आक्रन्द एक ओर दीवार पूर्व, उत्तर,
पश्चिम की ओर कमरा
विपुल
विजय
एक ओर दीवार उत्तर, पश्चिम,
दक्षिण की ओर कमरा
उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम चारों ओर कमरे
वास्तु चिन्तामणि
कल
जयकारक
धान्यवृद्धिकारक
शत्रुजय कारक सर्वसमृद्धिकारक
क्लेशदायक
अतिलाभदायक, धन,
आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य की वृद्धि
मन में संतोष, आनन्द
राजसम्मान की प्राप्ति
सदा दुखदायक, क्लेश
भय,
व्याधि
परिवार वृद्धि
सोना चांदी रत्न,
गौ वृद्धि
धन धान्य सुख का क्षय
परिवार जनों की मृत्यु
आरोग्य, कीर्तिदायक
सुख संपत्तिदायक