Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
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17. करण
18. योग
15625 xl] = 171875 गुणनफल गुणनफल में 7 का भाग देवें, 177875 +7 = 24553 लब्ध आया तथा शेष 4 रहा। यह वार का अंक है। अत: 4 था वार है। रविवार से गिनने पर चौथा वार बुधवार है। यह शुभ है। क्षेत्रफल को 9 से गुणा कर ॥ से भाग दें। शेषांक ही करण है। आकलित उदाहरण में क्षेत्रफल 15625 है। इसमें 9 का गुणा करें, 15625 x 9 = 140625 गुणनफल गुणनफल में ) का भाग देवें, 140625 + ]] = 12784 लब्ध आया तथा शेष । रहा। यह करण का अंक है। अत: 1 ला करण है। बव से मिनने पर पहला करण बव है। क्षेत्रफल में 13 का गुणा कर 27 से भाग दें। शेषांक ही योग अंक है।
आकलित उदाहरण में क्षेत्रफल 15625 है। इसमें 13 का गुणा करें, 15625 x 13 - 203125 गुणनफल गुणनफल में 27 का भाग देवें, 203125 + 27 = 7523 लब्ध आया तथा शेष 4 रहा। यह योग का अंक है। अत: 4 था योग है। चौथा योग सौभाग्य है। यह शुभ है। क्षेत्रफल में ऊंचाई जोड़कर उसमें 8 का भाग दें। शेषांक वर्ग है। आकलित उदाहरण में क्षेत्रफल 15625 है। तथा ऊंचाई 145 है। अतएव दोनों को जोड़ने पर, 15625 + 145 = 15770 योगफल योगफल में 8 का भाग देने पर, 15770 + 8 = 1971 लब्ध आया तथा शेष 2 रहा।
19. वर्ग