Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
दिति
शैल
कुबेर
भरलाट
मुख्य
नाग
रोग
पापा
वास्तुपुरुष का चित्र
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bite
पाप यक्ष्मा
आपवत्स
वास्तुपुरुष का चित्र
इंद्र सूर्य सत्य भृग आकाश
अर्यमा
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सावित्र सविता
वैवस्वान
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शेष असुर वरुण पुष्पदंतसुग्रीव नंदि
पिस
विहासिक
अपि
पूषा
तथ
गृहक्षत
यम
गंधर्व
मुग
pret
पूतना
229
उक्त चित्र का अवलोकन करने पर वास्तु देवताओं की स्थापना वास्तु पुरुष चक्र में किन-किन स्थानों पर है यह ज्ञात होता है। ईशान कोण में वास्तु पुरुष का सिर हैं अतः इसके ऊपर ईश देव अर्थात् देवालय या चैत्यालय की स्थापना करनी चाहिए। अन्य देवताओं की स्थिति भी यथास्थान समझना चाहिए।