Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur

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Page 300
________________ वास्तु चिन्तामणि 273 हे भल्लाट देव इदमयं पाद्यं जलं, गंध, अक्षतम्, पुष्प, दीप, धूपं, चरु, बलि, फलं स्वस्तिकं यज्ञ भागं च यजामहे-यजामहे प्रतिगृह्यत्ताम् प्रतिगृह्यताम् अर्घ्य समर्पयामि स्वाहा। शांतिधारा, (पुष्पांजलि क्षिपेत्) अर्घ्य के साथ गुड़ और भात चढ़ाएँ। (43) मृगदेव पूजा मृगदेव की आज मैं पूजा करूँ हर्षाय। रोग शोक सब ही टले मन में शांति पाय।।43 ।। ॐ आं क्रौं ही रक्तोत्पलवणे सम्पूर्ण लक्षण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे मृगदेव अत्र आगच्छ -आगच्छ, स्वस्थाने तिष्ठ-तिष्ठ ठः ठः स्वाहा। __ हे मृग देव इदमस़ पागला , लाम्, 'शु, वीर, सून, वर्ग, बलि, फलं स्वस्तिकं यज्ञ भागं च यजामहे - यजामहे प्रतिगृह्यताम् प्रतिगृह्यताम् अर्घ्य समर्पयामि स्वाहा। शांतिधारा, (पुष्पांजलि क्षिपेत्) अर्घ्य के साथ गुड़ के मालपूआ चढ़ाएँ। (44) अदिति देव पूजा अदिति देव परिवार सहित, पूनँ मन हर्षाय। रोग शोक सब ही टले मन में शांति पाय।।44।। ॐ आं को ही कपिलवणे सम्पूर्ण लक्षण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे अदिति देव अत्र आगच्छ- आगच्छ, स्वस्थाने तिष्ठ-तिष्ठ ठः ठः स्वाहा। हे अदिति देव इदमर्थ्य पाद्यं जलं, गंध, अक्षत्तम्, पुष्प, दीप, धूपं, चरु, बलि, फलं स्वस्तिकं यज्ञ भागं च यजामहे - यजामहे प्रतिगृह्यताम् प्रतिगृह्यताम् अर्घ्य समर्पयामि स्वाहा। शातिधारा, (पुष्पांजलि क्षिपेत्) अर्घ्य के साथ मोदक (लड्डू) चढ़ाएँ। (45) उदिति देव पूजा उदिति देव परिवार सहित पूर्जे मन हर्षाय। रोग शोक सब ही टले मन में शांति पाय।।45 ।। ॐ आं क्रौं ह्रीं कुंदवणे सम्पूर्ण लक्षण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे उदितिदेव अब आगच्छ-आगच्छ, स्वस्थाने तिष्ठ-तिष्ठ ठः ठः स्वाहा।

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