Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
View full book text
________________
62
वायव्य
पश्चिम
वास्तु निर्माण की तृतीय आयोजना
THIRD PLAN
स्नानस्य पाक शयनास्त्र भुजेश्च धान्य भाण्डार दैवत गृहाणि च पूर्वतः स्युः । तन्मध्यतस्तु मथनाज्य पुरीष विद्याभ्यासाख्यं रोदनरतौषध सर्वधाम । ।
अन्नगृह रतिगृह
शोकगृह
भोजन
शाला
विद्याभ्यास
गृह
शस्त्रागार शौचालय
उत्तर
शयनगृह
दक्षिण
वास्तु चिन्तामणि
-
घी तेल
संग्रह
चक्की
स्थान
धन धान्य औषधगृह देवगृह
संग्रह
- विश्वकर्मा वि.प्र. 14
ईशान
सर्वधाम
स्नानागार
दधि मथन
स्थान
रसोई
पूर्व
नैऋत्य
आग्नेय
यहां एक विशेष उल्लेख करना आवश्यक है कि मध्यस्थान में उच्छिष्ट आदि डालने से गृहस्वामी को क्लेश का कारण होता है।
1
: