Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
चित्र सं-3
को तुड़वा दीजिए तथा दक्षिणी कम्पाउन्ड दीवाल से लगकर सेवक गृह बनाएं। (चित्र सं-3)
यदि पूर्व में रिक्त स्थान न हो तो ईशान का कुछ भाग तुड़वा दीजिए। अन्यथा नैऋत्य निर्माण निरर्थक हो जाएगा।
कम्पाउन्ड दीवाल में द्वार न हो, यदि हो तो उसे बन्द कर दें। साथ ही सेवकगृह के पश्चिम में रिक्त स्थान न हो।
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