Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
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गृह चैत्यालय एवं जिनालय में सदोष प्रतिमा का फल क्र. | प्रतिमा में दोष
परिणाम दायीं या बायीं | धननाश, विरोध, भयोत्पत्ति, शिल्पी | ओर तिरछी दृष्टि
व आचार्य का नाश नीची दृष्टि पुत्र, धन व पूजकों को हानि, भय ऊर्ध्व दृष्टि
राजा, राज्य, स्त्री व पुत्र नाश स्तब्ध दृष्टि शोक, उद्वेग, संताप, धननाश रौद्र रूप
प्रतिमाकर्ता का मरण
धनगाय
यजमान का नाश
कृश काय छोटा कद छोटा मुख दीर्घ उदर
शोभा एवं कातिक्षय
रोगोत्पत्ति
दुर्भिक्ष महोदर, हृदयरोग
कृश उदर
कृश हृदय
नीचा कंधा
भ्रातृ मरण
नाभि लम्बी
कुलक्षय
कांख लम्बी
इष्ट वियोग
पतली कमर
आसन विषम
प्रतिमा निर्माता का घात
व्याधि शिल्पियों का सुख नाश
17 | कमर के नीचे का भाग पतला | 18 | नाक, मुख, पैर टेढ़े 19 | हाथ, भाल, नख, मुख पतले
कुल नाश
कुल नाश