Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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घास्तु चिन्तामणि
महत्त्वपूर्ण संकेत 1. कृषि भूमि का आकार चौकोर हो तथा उत्तर, पूर्व या ईशान की ओर
उसका उतार हो तो श्रेष्ठ है। यदि चौकोर न हो तो चौकोर करवाएं। 2. कुंआ या बोरवेल ईशान या पूर्व या उत्तर में करवाएं। दक्षिण में कुंआ न
खुदाएं। 3. बड़े वृक्ष दक्षिण और पश्चिम की ओर लगाएं। 4. छोटे पौधे वाली खेती पूर्व एवं उत्तर की ओर करें। 5. खेत के उत्तर, पूर्व या ईशान में कोई प्राकृतिक जलाशय, नदी, नहर, ____ कुंआ हो तो सर्वश्रेष्ठ है। 6. खेती में बहुस्थावर, त्रस जीवघातक फसल नहीं लगाना चाहिए। 7. तम्बाक, कन्दमूल आदि की कृषि नहीं करना चाहिए। 8. कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 9. बीजारोपण का कार्य दक्षिण से उत्तर की ओर करना चाहिए। 10. यथासंभव कृषि कार्य जुताई, बोवाई, कटाई, निदाई आदि उचित मुहूर्त में
करना श्रेयस्कर है। उत्तम विधि से कृषि करने से उत्तम परिणाम अवश्य ही मिलते हैं।