Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
संभावना बनी रहती हैं। ऐसे भूखण्ड में नैऋत्य में कुंआ धनहानि, दीर्घ रोग के साथ उन्मादीपने को उत्पन्न करता है। ( चित्र क - 3 )
यदि भूखण्ड के पश्चिम एवं उत्तर में सड़क हो तो वायव्य में कुंआ या गड्ढा कतई न खुदाएं। यदि ऐसे भूखण्ड में ईशान दिशा से वायव्य दिशा नीची हो तथा वायव्य में गड्ढे हों तो मुकदमेबाजी एवं दीर्घरोग की संभावना रहेगी। दिवालियापने का खतरा रहेगा। मकान बिकने की हालत भी बन सकती हैं। ( चित्र क - 4
यदि भूखण्ड के दक्षिण में सड़क हो तो दक्षिण में कुआ या बोरवेल बनाना अत्यंत अशुभ है व धनहानि के साथ ही दुर्घटना में मृत्यु होने की संभावना है। ( चित्र क - 5 )
W
N
सड़क
S
सड़क
० कुंआ
E
VV ऊंचातल
चित्र क - 4
यदि भूखण्ड के पूर्व एवं दक्षिण में सड़क हो तथा मुख्य प्रवेश दक्षिण में हो एवं वास्तु का निर्माण कार्य दक्षिण एवं पश्चिमी सीमा से प्रारम्भ किया जाए एवं पूर्व तथा उत्तर में अपेक्षाकृत नीचा तल हो तथा ईशान में कुंआ या बोरवेल हो तो ऐसा मकान निवासी के लिए वैभवदायी होगा। ऐसे भूखण्ड में यदि आग्नेय में कुंआ हो तो महिलाओं एवं बच्चों को रोग, पारिवारिक कलह तथा अग्निभय, दूसरी संतान की मृत्यु होना शक्य है। निवासी को अदालती चक्कर, डकैती, अनैतिक चरित्र तथा कर्ज का सामना करना पड़ सकता है। पुरुषसंतति का अभाव होने से मकान लावारिस हो सकता है। मकान बिकने की हालत आ सकती है।
कुंआ
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सड़क
चित्र क - 5