Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
निर्माण की अपेक्षा
1.
2,
उत्तरी भाग की कम्पाउन्ड वाल का निर्माण सबसे अंत में पूरा मकान बन जाने के बाद कराना चाहिये। उत्तर एवं पूर्व में दो-दो फुट की बालकनी रखें। दक्षिण एवं पश्चिम में खाली जगह न रखें। उत्तर में झुकावदार छपरी रखने से महिलाओं को सुख होता है। झुकावदार छपरी की ऊंचाई दक्षिण में उत्तर से अधिक रखें।
किराये की अपेक्षा
3. 4.
1.
मकान किराये से देना हो तो पूर्वी आग्नेय, दक्षिणी आग्नेय, दक्षिणी नैऋत्य, पश्चिमी नैऋत्य तथा उत्तरी वायव्य भाग देवें। (चित्र उ-5) किराये से देने योग्य उपरोक्त भागों को खाली न रखें। खाली होने पर दुसरा किरायेदार रखें। अपा, मसान मालित को भगकर डानि की आशंका होगी। यदि उत्तरी पार्श्व का पड़ोसी अपनी उत्तरी कम्पाउन्ड वाल से लगकर निर्माण आरम्भ करता है तो एक छोटी कम्पाउन्ड वाल अतिरिक्त बनाएं जो कि 4 फुट ऊंची 4 इंच चौड़ी हो व पिछली कम्पाउन्ड वाल से 3 इंच दूर हो।
3.
सड़क
N
W
-
E
चित्र उ-5