Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
View full book text
________________
120
वास्तु चिन्तामणि
शिल्पकार के सहायक उपकरण
वास्तु निर्माण कार्य करने वाले शिल्पकर्मी को अपनी कला में निपुण होना चाहिए। साथ ही सामग्री का उचित आकलन करने की क्षमता उसमें होनी चाहिए, कितना चूना, सीमेन्ट, लकड़ी, लोहा, पाषाण इत्यादि लगेगा इसका आकलन इस प्रकार होना चाहिए कि निर्मित वास्तु उपयोगी, मनोरम एवं शक्तिमान हो । सामग्री न तो बीच में कम पड़े, न ही व्यर्थ फेंकी जाए।
शिल्पकार को उपयोग में आने वाले आठ दृष्टि सूत्रों का विवरण शास्त्रकारों ने इस प्रकार बताया है
सूत्राष्टकं दृष्टि नृ हस्त मौजं, कार्पासकं स्यादवलम्बसञ्ज्ञम्। काष्ठं च सृष्टयारव्यमतौ विलेख्य मित्यष्टसूत्राणि वदन्ति तज्ज्ञाः । ।
सूत्र को जानने वालों ने आठ प्रकार के सूत्र माने हैं1. दृष्टि सूत्र - मनुष्य की नेत्र दृष्टि को दृष्टि सूत्र कहते हैं।
२
i
J