Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
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पथ एवं प्रवेश विचार
Roads and Entrances जिन भूखण्डों के प्रवेश के समक्ष विदिशाओं में पथ हों उनमें प्रवेश द्वार बनाने के लिए विशेष सजगता रखनी चाहिए। निम्नलिखित सारणी के अनुरूप प्रवेश रखने से विपरीत वास्तु प्रभावों से सुरक्षा होती है तथा सार्थक परिणामों की प्राप्ति होती है
भूखण्ड से लगी | मुख्य प्रवेश दोष सुधार के लिए सड़क की दिशा
| अतिरिक्त प्रवेश पूर्वी ईशान पूर्वी आग्नेय - उत्तरी ईशान पूर्वी आग्नेय पूर्वी ईशान दक्षिणी आग्नेय दक्षिणी आग्नेय । उत्तरी ईशान दक्षिणी नैऋत्य । दक्षिणी आग्नेय | पूर्वी ईशान पश्चिमी नैऋत्य पश्चिमी वायव्य । उत्तरी ईशान पश्चिमी वायव्य पश्चिमी वायव्य पूर्वी ईशान उत्तरी वायव्य उत्तरी ईशान उत्तरी ईशान उत्तरी ईशान | पूर्वी ईशान