Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
4. उत्तर में रिक्त भूमि क्रय करके प्राप्त होती हो तो अवश्य ही खरीद
लेवें। इससे सभी सुख संपदाओं का आगम होता है। 5. उत्तर में अधिक रिक्त स्थान सर्वांगीण प्रगति व पीढ़ियों तक वैभव
संपदा को देता है। प्रवेश एवं दरवाजे की अपेक्षा ध्यातव्य बातें। 1. उत्तर से प्रमुख प्रवेश होने पर प्रवेश द्वार कम्पाउन्ड वाल से ऊंचा हो।
(चित्र उ-3) 2. उत्तर में दरवाजा शुभफलदायी है। (चित्र उ-3)
ईशान में दरवाजा बुद्धिमत्ता, बुद्धिमान संतति तथा प्रगति को देने वाला
है। (चित्र उ-4) 4. वायव्य में दरवाजे होने से चौरभय एवं अग्निभय की संभावना रहती है।
सड़क
प्रवेश
महक
प्रकाश
चित्र उ-4
w
चित्र उ-3
चबूतरा एवं तल उत्तर के कमरे का तल, विस्तार, अपेक्षाकृत कम ऊंचा रखना लाभदायक
1.
2.
यदि भूतल एवं चबूतरा, मकान के फर्श तल से नीचे हो तो धनागम तथा स्त्री सुख होता है। यदि उत्तर भाग का चबूतरा फर्शतल से ऊंचा हो तो अधिक खर्च, मानसिक असंतुलन तथा कर्जभार होता है।
3. !