Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
यदि मुख्य प्रवेश पश्चिम की तरफ हो तथा पूर्वी पार्श्व से निर्माण आरम्भ किया गया हो एवं पश्चिम की ओर झुकावदार छपरी अथवा प्रथम मंजिल का तल हो तो पुरुष सदस्यों को पक्षाघात रोग की संभावना रहेगी। यदि इसी प्रकार मुख्य प्रवेश पश्चिम की ओर हो किन्तु निर्माणारम्भ उत्तरी पार्श्व से हो एवं दक्षिण की ओर झुकावदार छपरी या प्रथम मंजिल पर दो तो स्त्री सनस्यों को पक्षाघात रोग होने की संभावना होती है।
सड़क
सड़क
चित्र वा-4
१. यदि मुख्य प्रवेश पश्चिम से हो तथा पूर्व एवं उत्तर में पश्चिम एवं दक्षिण
की अपेक्षा अधिक खाली जगह हो तथा रसोई आग्नेय में होने के साथ ही साथ पूर्वी एवं उत्तरी कम्पाउंड वाल में कोई निर्माण न किया गया हो तो निवासी बुद्धिमान, धनसम्पन्न, न्याय प्रिय, सदाचारी नागरिक
होंगे। 10. यदि पश्चिमी पार्श्व की सड़क उत्तरी सड़क से नीची हो तो मकान का
मुख उत्तर में रखें। किन्तु यदि उत्तरी वायव्य की ओर 10 से अधिक झुकाव हो तो मुख्य प्रवेश पूर्व में रखकर कम्पाउन्ड वाल का गेट उत्तरी ईशान में रखें तथा उत्तर में एक पृथक दरवाजा रखें। यह शुभफलदायी होगा।