Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
निर्माण कार्य की अपेक्षा । ईशान कोण से सीमा दीवाल का काम प्रारम्भ करने पर विपरीत प्रभाव
होता है। 2. ईशान कोण में उत्तरी पार्श्व काटा जाने पर तथा निर्माण कार्य उत्तर की
ओर से प्रारम्भ करने पर घर की महिलाओं को दीर्घरोग, चिंता, भीषण
वित्तीय संकट की प्राप्ति होती है। 3. ईशान कोण को काटकर आग्नेय में निर्माण कार्य करने से गंभीर
दुर्घटनाएं होने की आशंका होती है। (चित्र ई-2)
सड़क
ईशान भाग में कटाव
सड़क
निर्माण
चित्र ई -2
4. ईशान कोण में पूर्वी पार्व काटा जाने पर तथा पूर्वी सीमा से निर्माण
कार्य प्रारम्भ करने पर परिवार के पुरुष प्रमुख अथवा ज्येष्ठ पुत्र को शारीरिक कष्ट, गंभीर वित्तीय संकट तथा तृतीय पीढ़ी के बाद निर्देश
होने का दुख भोगना पड़ता है। 5. ईशान कोण काटने से धन होने पर भी दुरखी जीवन, निर्वंशता का दुख
कभी-कभी यहां तक हो जाता है कि दसक पुन भी संतानहीन होते
हैं। पुत्र होने पर उन्हें मृत्युभय रहता है। 6. ईशान कोण में पूर्वी या उत्तरी दीवाल से लगकर छोटा ।
कमरा या शैल्टर बनाने पर वंशहानि एवं प्रगति अवरोध "
होता है। 7. ईशान में कमरा हो तो उसमें पूर्वी या उत्तरी ईशान में द्वार बनाएं। 8. पूर्व मध्य या उत्तर मध्य में पोर्टिको नहीं बनाएं। बनाना आवश्यक हो
तो ईशान कोण तक विस्तृत कर दें।