Book Title: Vastu Chintamani
Author(s): Devnandi Maharaj, Narendrakumar Badjatya
Publisher: Pragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
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वास्तु चिन्तामणि
जंगम ५
1. जंगम
2. सिंहनाद
3. हस्तिज
4. कंटक
सिंहनाद २
-
हस्तिज
कंदक
+
उत्तर
दक्षिण
पश्चिम
प्रतापवर्धन घर में षट्दारू (स्तम्भ पीढ़ा ) हो तथा उत्तर
दिशा में मुख हो ।
प्रतापवर्धन घर में षट्दारू (स्तम्भ पीढ़ा ) हो तथा पूर्व दिशा में मुख हो ।
प्रतापवर्धन घर में षट्द्दारू ( स्तम्भ पीढ़ा ) हो तथा दक्षिण दिशा में मुख हो ।
प्रतापवर्धन घर में षट्दारू (स्तम्भ पीढ़ा ) हो तथा पश्चिम दिशा में मुख हो ।
विभिन्न घरों के शुभाशुभ फल
शाश्वत घर सर्व मनुष्यों को शान्ति दायक है।
युग्मश्रीधर घर बहुत मंगल दायक तथा ऋद्धियों का स्थान है। महान्त घर में निवास करने वाला महाऋद्धि को प्राप्त करता है। जंगम घर अच्छा यश फैलाने वाला है।
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बहुलाभ घर विपुल सम्पदा को देने वाला है।
लक्ष्मी निवास घर में निरन्तर लक्ष्मी बनी रहती है।
कुपित घर में कलह, अनबन, वादविवाद बना रहता है।
बहुतेज घर में स्वामी उन्नति करता है।
सुतेज घर दक्षिण मुख होकर भी सामान्यतः अच्छा माना जाता है। कलहावह घर में निरन्तर कलह बनी रहती है।
गोलघर
गृहस्थों को गोलघर नहीं बनवाना चाहिए किन्तु राजा लोग गोल मकान बना सकते हैं। साधारण जन गोल या वर्तुलाकार मकान निर्माण से अस्थिरता एवं अर्थसंकट से त्रस्त रहते हैं।