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विशेष कार्य सिद्धि ।
the Emperor abstained altogether from meat as a religious penance, gradually extending the several fasts during a year over six months and even more, with a view to eventually discontinuing the use of meat altogether.” [Al-Badaoni, Translated by W. H. Lowe,
M. A., Vol. II, p. 331.] ___अर्थात्-इस समय बादशाहने अपने कुछ नवीन प्रिय सिद्धान्तोंका प्रचार किया था । सप्ताहके पहिले दिनमें प्राणीवध निषेधकी कठोर आज्ञा थी; कारण यह सूर्यपूजाका दिन है। फरबरदीन महीनेके पहिले अठारह दिनोंमें, आवानके पूरे महीनेमें ( जिसमें बादशाह का जन्म हुआ था ) और हिन्दुओंको प्रसन्न करनेके लिए और भी कई दिनोंमें प्राणी-वधका निषेध किया था। यह हुक्म सारे राज्यमें जारी किया गया था। इस हुक्मके विरुद्ध चलनेवालेको सजा दी जाती थी। इससे अनेक कुटुंब बर्बाद हो गये थे और उनकी मिल्कते जब्त कर ली गई थी। इन उपवासोंके दिनोंमें, बादशाहने धार्मिक तपश्चरणकी भाँति मांसाहारका सर्वथा त्याग किया था। शनैः शनैः वर्षमें छः महीने और उससे भी ज्यादा दिन तक उपवास करनेका अभ्यास वह इसलिए करता गया कि, अन्तमें मांसाहारका वह सर्वथा त्याग कर सके।
बदाउनीने ऊपर ' हिन्दु ' शब्दका उपयोग किया है। उससे जैन ही समझना चाहिए । कारण-पशुवधका निषेध करने और जीवदया संबंधी रानामहाराजाओंको उपदेश देनेमें यदि कोई प्रयत्नशील रहा हो तो वे जैन ही हैं। सुप्रसिद्ध इतिहासकार विन्सेंट स्मिथ भी अपने अकबर नामक पुस्तकके ३३५ वे पेजमें स्पष्टतया लिखता
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