Book Title: Surishwar aur Samrat Akbar
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Vijaydharm Laxmi Mandir Agra

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Page 448
________________ शाकow - T E Aamumanuman परिशिष्ट (च) परिशिष्ट (च) फर्मान नं. ६ का अनुवाद । अल्लाहो अकबर। नूरुद्दीन महम्मद जहाँगीर बादशाह ग़ाज़ीका फर्मान । हमेशा रहनेवाला यह आलीशान फर्मान, ता. १७ रजबुलमुरजन हि० स. १८२४ का है, उसकी नकल । अब इस फर्मान आलीशानको प्रकट और प्रसिद्ध करनेका, महत्त्वा , प्रसंग प्राप्त हुआ है। हुक्म दिया जाता है कि-मापी हुई दस बीघे जमीन, खंभातके समीप चौरासी परगनेके महम्मदपुर ( अकबरपुर ) गाँवमें निम्न लिखित नियमानुसार चंद संघवीको " मदद-ई-मुआश" नामकी जागीर खरीफ़के प्रारंभ-नौशकाने ईल ( जुलाई ) महीनेसे हमेशाके लिए दी जाय, जिससे उसकी आमदनीका उपयोग हाएक फ़सल और हरएक सालमें वह अपने खर्चके लिए करे और असीम बादशाही अखंडित रहे इसके लिए वह प्रार्थना करता रहे। वर्तमानके एवं अब होनेवाले अधिकारियों, पटवारियों, मागीरदानों तथा मालके ठेकेदारोंको चाहिए कि वे इस पवित्र एवं ऊंचे हुक्पको हमेशा बजालानेका प्रयत्न करें । ऊपर लिखे हुए ज़मीनके टुकड़ेक: नापकर और उसकी मर्यादा बाँधकर वह जमीन चंद् संघवीको दी जाय । इसमें कुछ भी फेरफार या परिवर्तन 50 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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