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सूरीश्वर और सम्राट्।
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अक्षर हैं।
कब इसकी जिन्दगीहीमें तैयार हुई थी । हि० स० १०२८ में यह अत्यधिक मदिरा पानेसे मर गया था । कहा जाता है कि, अकबर अपने फर्मानों में इस ईरज और दूसरे फर्मानोंके अन्तिम नोटमें (पृ. ३८१ में ) उल्लिखित दाराबका नाम किसी न किसी तरहसे लारखता था । विशेषके लिए देखो आइन-ई-अकबरीके प्रथम भागका अंग्रेजी अनुवाद पृ० ३३९, ४९१, तथा दर्बारे अकबरी पृ. ६४२-६४४,
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