Book Title: Surishwar aur Samrat Akbar
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Vijaydharm Laxmi Mandir Agra

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Page 472
________________ पूर्ति। इस पुस्तकमें लिखी गई कुछ बातोंका विशेष स्पष्टीकरण इस पूर्तिमें किया जाता है। अभिरामावाद ।। पृ० १०३ में अभिरामाबाद पर एक नोट लिखा गया है। कि, अभिरामाबाद, अलाहाबाद नहीं था मगर फतेहपुरसीकरीसे छःकोसपर बसे हुए एक गाँवका नाम था । इस विषय में ' मंडीज ट्रेवल्स' (Mundy's Travels)-जो सर रिचर्ड सी. टेम्पल द्वारा प्रकाशित हुआ है-विशेष प्रकाश डालता है। इस पुस्तकसे मालूम होता है कि अभिरामाबाद एक अच्छा करवा था । वह ' बयाना ' से उत्तर दिशामें दो कोसके फासलेपर था। इसको ' इब्राहीमाबाद ' भी कहते थे। यहाँ एक बहुत ही सुंदर बावड़ी थी । यह बावड़ी अब भी मौजूद है और ' झालर बावड़ी ' के नामसे पहचानी जाती है । इसपरके एक लेखसे मालूम होता है कि, अलाउद्दीन खिलजीके वज़ीर काफूरने इसको ई० स० १३१८ में बंधाया था । देखो--( Cunningham Archaeological Survey of India Report Vol. XX 69-70 Also Mundy P. 101 ) विजरेल । पृ० २५२ में फिरंगीयोंके नायकका नाम विजरेल दिया गया है। विजरेल यह पोटुंगीज़ शब्द Vice-rei on Viso-rei का अपभ्रंश रूप मालूम होता है । अंग्रजीमें उसे — वॉइसराय ' कहते हैं । देखो-'डिक्शनरी ऑफ दि इंग्लिश-पोटुंगीन लेगवेज' लेखक; एन्थनी, वीरा, पे० ६९४. ( Dictionary of the English Portugese Languages by Anthony Yieyra Page 694.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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