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सम्राटका शेषनीवन । मगर ये सभी तत्त्व अकबरके हैं और इन तत्त्वोंको भारतमें व्यवहृत करनेका अमर यश उसीको है। आधुनिक समयमें समस्त पाश्चात्य राज्योंमें ये नियम हैं; परन्तु उनमें से बहुत ही कम राज्य सामिमान यह कह सकते हैं कि,--अकबरने तीनसौ वर्ष पहले जिस तरह इन नियमोंको पाला था, उसी तरह सम्पूर्णतया इस बीसवींसदीमें हम पाळ
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समाप्त.
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