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PRIMAR HA
सूरीश्वर और सम्राट्। परामर्श सभामें भाग लेनेवाले जिन दो चार लोगोंके लिए बौद्ध होनेका अनुमान किया जाता है वह भ्रम है । वास्तवमें वे गुजरातसे आये हुए जैनसाधु थे।"
__इससे यह बात अच्छी तरह साबित हो गई है कि, अबतक जिनलेखकोंने अकबर पर प्रभाव डालनेवालोंमें बौद्धोंकी गिनती की है यह उनकी भूल है । उस भूलको सुधार कर सब स्थानों में बौद्ध' के स्थानमें जैन ' समझना चाहिए ।
इस तरह वि० सं० १६३९ से वि० सं० १६५१ तक अकबरके साथ जैनसाधुओंका संबंध लगातार रहा था, उसके बाद अकबर जीवित रहा तब तक उसको और उसके बाद उसके लड़के जहाँगीरको भी जैनसाधु मिलते और धर्मोपदेश देते रहे थे। "
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