________________
प्रकरण सातवाँ !
Jain Education International
सूबेदारों पर प्रभाव ।
रविजयसूरि प्रभाव के विषय में गत प्रकरणों में बहुत कुछ लिखा जा चुका है। तो भी यह कहना अनुचित न होगा कि, उन्होंने केवल अकबर के ऊपर ही प्रभाव नहीं डाला था बल्कि अन्यान्य सुबेदारों और राजा महाराजाओं पर भी उन्होंने प्रभाव डाला था। जो कोई राजा या सूबेदार उनसे एक बार मिलता था वह सूरिजी के पवित्र चारित्र और निर्मल उपदेशसे मुग्ध एवं चमत्कृत हुए बिना न रहता था । यद्यपि सामान्यतया विचार करने वालेको, अक बरके समान महान् सम्राट् पर प्रभाव डालनेवालेका मामूली सूबेदारों पर या राजा महाराजों पर प्रभाव डालना, कोई महत्वकी बात नहीं मालूम होगी; तथापि दीर्घदृष्टिसे विचार करनेवाला यह जरूर समझेगा कि, ज्ञानपिपासु अकबर पर प्रभाव डालनेकी अपेक्षा सामान्य सूबेदारों या राजामहाराजाओं पर प्रभाव डालना बहुत ही कठिन था । अधिकारके मदमस्त उस समयकी अराजकताका लाभ उठाकर अपने आपको अहमिंद्र समझनेवाले सूबेदार या राजा क्या किसीकी सुननेवाले थे ? वे स्वच्छंदी - जिनकी स्वच्छंदताका हम दूसरे प्रकरण में उल्लेख कर चुके हैं; जो सत्यासत्यकी या मनुष्यके दर्जेकी कुछ भी परवाह किये विना मोरो, पकड़ो की आज्ञा दे देते थे- क्या किसीके उपदेश पर
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org