Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
View full book text
________________
Jain Education International
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री मारुति नन्दन तिवारी
अंक १
ई० सन् १९७०
पृष्ठ १२-१७
२२ १ २२१ २२ १ २२ १ २२ २२ २
For Private & Personal Use Only
लेख दक्षिण भारतीय शिल्प में तीर्थंकर महावीर २४ तीर्थंकरों के नामों में नाथ शब्द का प्रयोग कब से। जैन-बौद्ध सम्मत कर्म सिद्धान्त महावीर की निर्वाण भूमि पावा की स्थिति प्रवृत्ति मार्ग और निवृत्ति मार्ग । हरिवंशपुराणकालीन समाज और संस्कृति प्राकृत 'पउमचरिय' : रामचरित वाग्भट्टालंकार साधुवन्दना के रचयिता कर्म का स्वरूप अपभ्रंश जैन साहित्य (क्रमश:) अध्यात्मवादियों से Sarasvati in Jaina Sculpture श्रीपालचरित की कथा अपभ्रंश जैन साहित्य (क्रमश:) भक्तामरस्तोत्र की सचित्र प्रतियां द्राविण
श्री अगरचन्द नाहटा श्री रामप्रसाद त्रिपाठी पं० कपिलदेव गिरि सुबोध कुमार जैन श्री धन्यकुमार राजेश श्रीरंजन सूरिदेव पं० अमृतलाल शास्त्री श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० मोहनलाल मेहता श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री पं० उदय जैन Dr. M. N. Tiwari डॉ० देवेन्द्र कुमार शास्त्री श्री देवेन्द्र मुनि शास्त्री श्री अगरचन्द नाहटा श्री गणेश प्रसाद जैन
२२ २२
१९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१ १९७१
१८-२२ २३-२६ २७-३३ ३४-३६ ३-१३ १४-१९ २०-२८ २९-३२ ३-११ १२-१७ १८-२४ २७-३४ ३-७ ८-१२ १३-१९ २०-२४
२२ २२३ २२ ४
२२
www.jainelibrary.org