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४०६ लेख
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक कु० प्रेमलता जैन
वर्ष
पुष्पदन्त का कृष्ण-काव्य : एक अनुशीलन
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डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन कु० प्रेमलता जैन श्री अगरचन्द नाहटा
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ई० सन् १९७६ १९७६ १९६५ १९७६ १९५० १९८२ १९९० १९६८ १९६८ १९७१ १९५९
पृष्ठ ३-९ ३-९ १४-१८ ५-१२ २४-२९ ६१-६३ ८९-१०० ९-३० १०-१२
३
पुष्पदन्त की रामकथा पुष्पदन्त की रामकथा की विशेषताएँ पैंतालीस और बत्तीस सूत्रों की मान्यता पर विचार ४५ आगम और मूलसूत्र की मान्यता पर विचार प्रबन्धकोश का ऐतिहासिक वैभव प्रसिद्धिप्राप्त श्वेताम्बर जैनों की कुछ कृत्रिम कृतियां प्राकृत का अध्ययन प्राकृत और उसका विकास स्त्रोत प्राकृत और उसका साहित्य प्राकृत की बृहत्कथा “वसुदेवहिण्डी” में वर्णित कृष्ण प्राकृत के विकास में बिहार की देन-क्रमश:
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डॉ० प्रवेश भारद्वाज श्री कस्तूरमल बांठिया डॉ० सुनीतकुमार चाटुा श्री श्रीरंजन सूरिदेव श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव
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३-९
१०
१३-१९ २३-३०
४
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२१ २१ २२
४-१४
प्राकृत जैन कथा साहित्य-क्रमशः
श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री
१९७० १९७० १९७१ १९७१ १९७०
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२०-३६ ३-१० १६-२१ १४-१९
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प्राकृत ‘पउमचरिय' रामचरित
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डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव
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