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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक
वर्ष ३६
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सान
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लेख दुर्बल को सताना क्षत्रिय धर्म नहीं दृढ़ प्रतिज्ञ केशव देवचन्द्रकृत यंत्रप्रकृति का वस्त्र टिप्पणक धर्ममय समाज रचना की आधारशिला-क्षमापना धर्म और युवा पीढ़ी धर्म एक आधार : स्वस्थ समाज रचना धर्म का पुनरुद्धार और संस्कृति का नवनिर्माण धर्म का मान धर्म का सर्वोदय स्वरूप धर्म के स्थान पर संस्कृति धर्म को समाज सेवा से जोड़ा जाय धर्म पुरुष और कर्म पुरुष ध्यान योगी महावीर नई समाज व्यवस्था नमस्कारमंत्र का मौलिक परम अर्थ नया विहान-नया समाज नर्क का प्रश्न
मुनिश्री महेन्द्रकुमार 'प्रथम' श्री अगरचन्द नाहटा मुनिश्री नेमिचन्दजी श्रीमती बीना निर्मल साध्वी श्री मंजुला पं० दलसुख मालवणिया डॉ० आदित्य प्रचण्डिया पं० चैनसुखदास जैन काका कालेलकर श्री जिनेन्द्र कुमार पं० फूलचंदजी 'श्रमण' मुनिश्री नथमल जी कुमार प्रियदर्शी पं० सूरजचंद्र 'सत्यप्रेमी' श्री बद्रीप्रसाद स्वामी श्री सौभाग्यमल जैन
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ई० सन् १९८५ १९८५ १९७९ १९६२ १९८२ १९६६ १९५० १९८४ १९६३ १९५१ १९८५ १९५५ १९६१ १९५८ १९५५ १९५९ १९८१
पृष्ठ २-४ १५-२१ २८-२९ ३२-३६ ७-८ २८-३० ९-१३ १७-१८ १-२ ३६ ६-८ २१-२२ २८-३० ४२-५६ १८-२० ३२-३५ २६-२९
६-७ ११-१२ १२
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