Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 480
________________ Jain Education International श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री कन्हैयालाल सरावगी श्री ए० एम० योस्तन अंक २ ८ ३-४ लेख मानव संस्कृति का विकास मॉन्तेसरि आन्दोलन मॉन्तेसरि शिक्षा के ५० वर्ष मॉन्तेसरि शिक्षा-पद्धति माँस का मूल्य मुनिश्री चौथमल जी की जन्म शताब्दी मुनिश्री देशपाल : जीवन और कृतित्व मुलाकात महावीर से मूर्त-अंकनों में तीर्थंकर महावीर के जीवन-दृश्य मेघकुमार का आध्यात्मिक जागरण मेरी कुछ अनुभूतियाँ कु० ऊषा मेहरा उपाध्याय अमरमनि जी श्री गुलाबचन्द जी डॉ० सनत्कुमार रंगाटिया श्री शरदकुमार साधक डॉ० मारुतिनन्दनप्रसाद तिवारी श्री विजय मुनि श्री शादीलाल जैन ८ ३१ ३० ३२ ___ ३६ For Private & Personal Use Only o in ins in n mo w w aa a aa aw o ४६७ पृष्ठ ३-१५ ६७-७९ ६१-६६ ३८-४८ २२-२५ २४-२७ ६२-६९ २-६ २१-२५ २५-२७ ८८-९१ ई० सन् १९७६ १९५७ १९५७ । १९५७ १९५७ १९८० १९७९ १९८१ १९८५ १९७६ १९५७ १९६३ १९५८ १९६३ १४ १८ " ___ १४ मौलिक चिन्तन की आवश्यकता यह धर्म प्राण देश है युगपुरुष आचार्यसम्राट आन्नदऋषि जी म० युगपुरुष भगवान् महावीर युगीनपरिवेश में महावीर स्वामी के सिद्धान्त श्री अगरचंद नाहटा श्री रघुवीरशरण दिवाकर उपाचार्य श्री देवेन्द्रमुनिजी महाराज श्री पृथ्वीराज जैन डॉ० सागरमल जैन २०-२३ २८-३० १०३-१०५ २४-२७ ६ www.jainelibrary.org १९९२ १९५१ । १९९५ २ __४६ . ७-९

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