Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 491
________________ ४७८ Jain Education International श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक लेख वर्ष अंक ई० सन् पृष्ठ श्री अगरचन्द नाहटा श्री रामदयाल जैन श्री कोमलचन्द जैन २३ १७ १८ १९७९ १९७२ १९६५ १९६७ १९६७ १९६७ १९६८ सौ० सुधा राखे डॉ० कोमलचन्द जैन Air vom For Private & Personal Use Only ३१-३३ १९-२२ ७३-८४ २६-३३ १४-१७ १५-१९ २३-२४ १६-१७ जिनदत्तसूरि का शकुनशास्त्र एवं हरिभद्रसूरि का व्यवहारकल्प जैन और वैष्णव काव्य परम्परा में राम जैन और बौद्ध आगमों में गणिका बौद्ध और जैन आगमों में जननी जैन और बौद्ध आगमों में जननी : एक पहलू बौद्ध और जैन आगमों में जननी : एक स्पष्टीकरण बौद्ध और जैन आगमों में नारी जीवन : एक और स्पष्टीकरण जैन और हिन्दू जैन ग्रन्थों और पुराणों के भौगोलिक वर्णन कातुलनात्मक अध्ययन जैन, बौद्ध और हिन्दू धर्म का पारस्परिक प्रभाव जैन एवं बौद्ध दर्शन में प्रमाण विवेचन जैन एवं बौद्ध पारिभाषिक शब्दों के अर्थ निर्धारण और अनुवाद की समस्यायें। जैन तत्वों पर शूबिंग के विचार जैन तथा अन्य भारतीय दर्शनों में सर्वज्ञता विचार (क्रमश:) ___१९ पं० दलसुख मालवणिया २३ श्री अगरचंद नाहटा डॉ० सागरमल जैन डॉ० धर्मचन्द्र जैन ४८ ४-६ १०-१२ १९७२ १९९७ १९९२ १५-२० ३०-५९ २१-४० . ४३ ४५ ४-६ www.jainelibrary.org डॉ० सागरमल जैन श्री कस्तूरमल बांठिया श्री नरेन्द्रकुमार जैन १९९४ १९७० १९७९ २३४-२३८ १६-२३ ३-१३

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